The Ultimate Guide To पारद शिवलिंग कैसा होता है

दुकान, ऑफिस एवं फैक्ट्री में व्यापार वृद्धि के लिए शिवलिंग पूजा का एक अचूक उपाय है। 

आमतौर पर हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की साकार रूप की पूजा होती है, जिनके हाथ, पैर, चेहरा आदि होता है, लेकिन एकमात्र शिव ऐसे देव हैं जो साकार और निराकार दोनों रूपों में पूजे जाते हैं.

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पारद शिवलिंग की भक्तिभाव से पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है।

अशी आख्यायिका मिळते कि समुद्र मंथनाच्या वेळी मोहिनी रूपातल्या स्त्री रुपी विष्णू ला पाहून शिव मोहित झाले आणि त्यांच्या मैथुन क्रियेतून पारा रुपी द्रव उत्त्पत्तीत आला.

मंदिर में शिवलिंग रखने के लिए उसके आकार को ध्यान में रखना जरूरी नहीं है जबकि घर पर शिवलिंग को रखने के लिए यह ध्यान रखना बेहद ही आवश्यक यही कि वह शिवलिंग अंगूठे के आकर से बड़ा न हो। इसके पीछे की ख़ास वजह यह है कि शिवलिंग एक अग्नि स्तम्भ माना जाता है और इस कारण यदि बड़े आकार का शिवलिंग घर में रखा जाए तो उसमें समाहित वह ज्वलंत शक्ति विनाशकारी साबित हो सकती है।

पारद शिवलिंग के घर में होने से मां लक्ष्मी और कुबेर देवता विराजमान होते हैं। वहाँ धन-धान्य की कमी नहीं होती है।

वायु पुराण के अनुसार प्रलयकाल में प्रत्येक महायुग के पश्चात समस्त संसार इसी शिवलिंग में मिल जाता है और फिर संसार इसी शिवलिंग से सृजन होता है। फिर, जब नया सृजन होता है, तो यह शिवलिंग ही नए ब्रह्मांड का आधार बनता है। इसीलिए शिवलिंग को संपूर्ण ब्रह्मांड की ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। 

पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभ

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ब्रह्म पुराण के अनुसार सावन में रोजाना पारद शिवलिंग की पूजा से मोक्ष प्राप्ति होती है। आइए जानें पारद शिवलिंग की पूजा का महत्व और शास्त्रों में पारद शिवलिंग का वर्णन।

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देशभर में जो ज्योर्तिलिंग है वे सभी स्वंभू है परंतु पत्थर के शिवलिंग के अलावा शिवलिंग कई प्रकार और पदार्थ या धातु से बनाए जाते हैं। शिवपुराण अनुसार भगवान विष्णु ने पूरे जगत के सुख और कामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान विश्वकर्मा को अलग-अलग तरह के शिवलिंग बनाकर देवताओं को देने की आज्ञा दी थी। विश्वकर्मा जी ने अलग-अलग पदार्थों, धातु व रत्नों से शिवलिंग बनाए थे। सभी शिवलिंग को पूजने या उचित click here स्थान पर रखने का महत्व और उद्देश्य अलग अलग है। पारद शिवलिंग देश में कई स्थानों पर विराजित हैं। इसे पारदेश्वर महादेव कहते हैं। आओ जानते हैं पारद शिवलिंग के बारे में संक्षिप्त जानकारी।

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